Bahuchara Mata - The Goddess for Childless and Devi of Hijras

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Bahuchara Mata is an Indian Goddess worshiped in West and North India especially Gujrat and Rajasthan.Bahuchara Mata is regarded as Goddess of Fertility and is worshipped by childless couples who wish for a child.She is also worshipped by the transgenders or Hijras who atone for their sins and karma of past and present life. Bahuchara Mata is considered incarnation of Devi Parvati .She is shown as a beautiful goddess with the Trident Trishul in one hand and hindu scriptures on the other hand.She uses a rooster as a vehicle and roosters are considered dear to Her. Bahuchara Mata Temple The main and famous temple of Bahuchara Mata is in Mehsana in the state of Gujrat.Devotees who wish for children,hijras and people with sexual problems visit the temple and worship the Devi and ask for forgiveness.The temple is believed to be built near 1752 AD but has been reconstructed and renovated by various kings during their times.You can find roosters near the temple which Bahuchara Mata uses as a

Yamunaji Aarti || Yamunaji Aarti Lyrics


Yamuna Ji is worshipped all over India in the river form and considered as a divine river.In this blog we will discuss about Yamunaji Aarti.


Yamunaji Aarti Lyrics

ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
नो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता |ॐ
पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा |ॐ
जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे |ॐ
कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही |ॐ
आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो |ॐ
नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन बेचैन भय है तुम बिन वैतरणी |ॐ
YAMUNAJI AARTI
जय जय श्री यमुना, माँ धन्य धन्य श्री यमुना ।
जोता जनम सुधार्या , जोता जनम सुधार्या , धन्य धन्य श्री यमुना , माँ जय जय श्री यमुना ॥
शामलाडी सूरत माँ मूरत माधुरी, माँ मूरत माधुरी ।
प्रेम सहित पटरानी, पराक्रमे पूरया, माँ जय जय श्री यमुना ॥
गह्वर चाल्या माँ, गंभीरे घेरया , माँ गम्भीरे घेरया ।
चूंदडिये चटकाव्या पहरया ने लहरया माँ जय जय श्री यमुना ॥
भुज कंकण रूडा माँ गुजरिया चूड़ी, माँ गुजरिया चूड़ी ।
बाजूबंद ने वेरखा, पहोंची रत्न जड़ी माँ जय जय श्री यमुना ॥
झांझर ने झमके माँ बिछिया ने ठमके, माँ बिछिया ने ठमके ।
नूपुर ने नादे माँ घूघरी ने घमके माँ जय जय श्री यमुना ॥
सोला श्रृंगार सज्या माँ नकबेसर मोती , माँ नकबेसर मोती ।
आभरण मा आपो छो , दर्पण मुख जोता माँ जय जय श्री यमुना ॥
तट अंतर रूडा माँ शोभित जल भरिया, माँ शोभित जल भरिया ।
मनवांछित मुरलीधर, सुन्दर वर वरिया माँ जय जय श्री यमुना ॥
लाल कमल लपटया माँ जोवाने गया था, माँ जोवाने गया था ।
कहे माधव परिक्रम्मा , ब्रज नी करवा ने गया था माँ जय जय श्री यमुना ॥
श्री यमुना जी नी आरती विश्राम घाटे थाय माँ विश्राम घाटे थाय ।
तैंतीस करोड देवता दर्शन करवा जाय माँ जय जय श्री यमुना ॥
श्री यमुना नी आरती जो कोई गाशे माँ जो कोई गाशे ।
तेना जनम मरण संकट सर्वे दूर थाशे माँ जय जय श्री यमुना ॥
एटली विनती करूँ माँ तव चरणे राखो , माँ तव चरणे राखो ।
दास क़रीने स्थापो ब्रज मा वास आपो माँ जय जय श्री यमुना ॥
जय जय श्री यमुना, माँ धन्य धन्य श्री यमुना ।
जोता जनम सुधार्या , जोता जनम सुधार्या , धन्य धन्य श्री यमुना
माँ जय जय श्री यमुना||


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